सत्ता दिमाग वाले को दी तो लूट लियासत्ता दिल वाले को दी तो लुटा दिया
कर रहा था ग़म-ए-जहाँ का हिसाब
आज तुम याद बे-हिसाब आए
आज की रात भी तन्हा ही कटी
आज के दिन भी अंधेरा होगा
यूँ बिछड़ना भी बहुत आसाँ न था उस से मगर
जाते जाते उस का वो मुड़ कर दोबारा देखना
रात की तन्हाई मैं तो हर कोई याद कर लेता है
सुबह उठते ही जो याद आये मोहब्बत उसको कहते है