धरती सुनहरी अंबर नीला हर मौसम रंगीला,ऐसा देश है मेरा।
वादों ही पे हर रोज़ मेरी जान न टालो,है ईद का दिन अब तो गले हमको लगा लो….
किसी के ज़ख़्म पर चाहत से पट्टी कौन बाँधेगा,अगर बहनें नहीं होंगी तो राखी कौन बाँधेगा….
आवाज तुम यह बुलंद करो,मजदूर हैं देश का आधारइनके साथ भेदभाव बंद करो।