काश हमारा भी कोई रश्के-क़मर होता,
हम भी नजर मिलाते हमें भी मज़ा आता।
शादी से पहले "भगवान" से माँगा था,
अच्छी "पकाने" वाली देना..!!
साला...जल्दबाजी में
"खाना" बोलना ही भूल गया..!!
बहुत अच्छी खासी
प्यार भरी चैटिंग
हुआ करती थी उससे.
फिर एक दिन
उसने, चलो अब “सोती हूँ”
की जगह
“सोता हूँ” लिख दिया.
थप्पड़ से डर नहीं लगता साहब प्यार से लगता है|तू रहने दे बहन मुझे पता है मुझे पड़ते है|