किस्मत को खराब बोलने वालों,
कभी किसी गरीब के पास बैठकर,
पूछना जिंदगी क्या है !
उन घरों में जहाँ मिटटी के घड़े रहते हैंकद में छोटे मगर लोग बड़े रहते हैं
जरा सी आहट पर जाग जाता है वो रातो कोऐ खुदा गरीब को बेटी दे तो दरवाज़ा भी दे
कैसे बनेगा अमीर वो हिसाब का कच्चा भिखारीएक सिक्के के बदले जो बीस-कीमती दुआएं देता है
बहुत जल्दी सीख लेता हूँ जिंदगी का सबकगरीब बच्चा हूँ बात-बात पर जिद नहीं करता
छीन लेता है हर चीज़ मुझसे ऐ खुदाक्या तू मुझसे भी ज्यादा गरीब है