घमंड किस बात का है जनाब,
आज मिट्टी के ऊपर हैं,
तो कल मिट्टी के नीचे होंगे।
जिनमें कुछ नहीं होता है ना,
उनमें घमंड बहुत होता है।
जो तूने कहा उसे मैं सिर झुका कर मान लेता,
बस ये घमंड में नहीं हसकर कहा होता।
मेरे “शब्दों” को इतने ध्यान से ना पढ़ा करो दोस्तों,
कुछ याद रह गया तो.. मुझे भूल नहीं पाओगे!
घमंड न करना जिन्दगी मे तकदीर बदलती रहती है,शीशा वही रहता है बस तस्वीर बदलती रहती है...