"हर सुबह, एक नई पहल कर,जाग! ज़िंदगी से थोड़ा और लड़,सपनों के लिए, भागना होगा,रौशनी होने से पहले, जागना होगा l"
जब तक हम किसी काम को करने की कोशिश नहीं करते,
तब तक वो काम हमें नामुमकिन लगता हैं.
Aaj ka suvichar
मनुष्य को कभी ये नहीं सोचना चाहिए कि वो कितना खुश हैं,
बल्कि ये सोचना चाहिए की उसकी वजह से दूसरे कितने खुश हैं.
प्रशंसा से पिघलना मत
और आलोचना से उबलना मत
“ऊंँचाई पर वही पहुँचते है,
जो बदला नहीं बदलाव लाने की सोच रखते है।”
जीवन की वास्तविकता बस इतनी सी है
बचपन मे होम वर्क जवानी मे होम लोन और बुढापे में होम अलोन
ही रह जाता है...
सुप्रभात!