"चाँद चढ़ता है,आसमां में,वो आँखों में उतर आता है,कैसा शख्स है वो,सपनों में भी आ जाता है l"
शुभ रात्रि
"मेरे यादों में आती रही रात भर,सोते-सोते जगाती रही रात भर,किससे कहता और मैं क्या बोलता,हँसत-हँसते रुलाती रही रात भर l"
ऐ चांद मेरे दोस्त को एक तोहफा देना तारो के संग रोशनी
भी देना हटा देना अंधेरा का छाया रात के बाद एक सुंदर सा सवेरा देना
शुभ रात्री