हमदर्दी ना करो मुझसे ए मेरे हमदर्द दोस्तों,वो भी बड़ी हमदर्द थी जो दर्द हजारो दे गई !!
हमदर्दी ना करो मुझसे ए मेरे हमदर्द दोस्तों,
वो भी बड़ी हमदर्द थी जो दर्द हजारो दे गई !!
अगर मै हद से गुज़र जाऊ तो मुझे माफ़ करना,तेरे दिल में उत्तर जाऊ तो मुझे माफ़ करना,रात में तुझे देख के तेरे दीदार के खातिर,पल भर जो ठहर जाऊ तो मुझे माफ़ करना!!!!शुभरात्रि दोस्तों !!
इस कदर हम उनकी मुहब्बत में खो गए,कि एक नज़र देखा और बस उन्हीं के हम हो गए,आँख खुली तो अँधेरा था देखा एक सपना था,आँख बंद की और उन्हीं सपनो में फिर सो गए!
जो नजरो का हुआ मिलना लब तेरे भी मुस्कुराये थे,ईश्क के हर जूर्म में मेरे तेरी मोहोब्बत के साये थे,मेरी हर रात में सजनी तेरी सेजो के साये थे,रात को ख्वाब में मेरे ख्वाब तेरे मिलने आये थे।