उनकी जुल्फों की खूबसूरती और बढ़ गई,
जब एक गुलाब उनके बालो में सज गई.
फूल गुलाब का भेज रहे है आपके लिए,
लबों से छूकर जान इसमें डाल दीजिए.
गुलाब जैसी तेरी यादें,
जो हवा चली तो महक उठे हम!
दर्द मिन्नत-कशे- ✒ दवा न हुआ,
मै न अच्छा हुआ बुरा न हुआ,
जमा करते हो क्यों रकीबो को,
एक तमाशा हुआ गिला न हुआ.
तस्वीर मैंने मांगी थी शोख़ी तो देखिये,इक फूल उसने भेज दिया है गुलाब का !
तस्वीर मैंने मांगी थी शोख़ी तो देखिये,
इक फूल उसने भेज दिया है गुलाब का !