तुम जलते रहोगे आग की तरह
और हम खिलते रहेंगे गुलाब की तरह
तेरी नादानियों पर ख़ामोश था मैं,
और तूने मुझे कमज़ोर समझ लिया..
शहर भर मेँ एक ही पहचान है ‘हमारी’
सुर्ख आँखे,गुस्सैल चेहरा और नवाबी अदायेँ’
एक ही नद्दी के हैं ये दो किनारे दोस्तो
दोस्ताना ज़िंदगी से मौत से यारी रखो
कद में छोटे हो, मगर लोग बड़े रहते हैं.