नफ़रत भी नहीं है,
गुस्सा भी नहीं हूं,
पर तेरी ज़िन्दगी का अब
हिस्सा भी नहीं हूं।
जिन्हें गुस्सा आता हैं वो लोग सच्चे होते है,
मैंने झूठो को अक्सर मुस्कराते हुए देखा है।
मुझे तुम्हारा किस्सा पसंद है,
इस किससे में मेरा हिस्सा पसंद है,
ये जो तुम चेहरा लाल कर देखती हो मुझे,
खुदा कसम ! मुझे ये तुम्हारा गुस्सा पसंद है।
उसका गुस्सा और मेरा प्यार एक जैसा है,
क्योंकि ना तो उसका गुस्सा कम होता हैं,
और ना ही मेरा प्यार।
गुस्से में भी उसका प्यार दिखता है,
तकलीफ़ भले मुझको दे, दर्द उसको होता है।
"जो आपसे प्यार करते है,
वही आपसे सबसे ज्यादा गुस्सा होते है।"