हाल-ए-दिल यार को लिखूँ क्यूँकरहाथ दिल से जुदा नहीं होतातुम हमारे किसी तरह न हुएवार्ना दुनिया में क्या नहीं होता 300
हाथ दिल से जुदा नहीं होता
तुम हमारे किसी तरह न हुए
वार्ना दुनिया में क्या नहीं होता
तन्हाई से लढ रहा हूँया उसकी आदत हो चुकी हैकुछ पता नही, मगर हाँहाल-ए-दिल ये है कीहम मोहब्बत के नाम सेआज भी टूट जाते है
मैं ना देखूँ.. जब तलक तुझको ना चैन पाती हूँ
पर देख तेरा दीवानापन मैं सोच में पड़ जाती हूँ
जब हाल-इ-दिल..
जब हाल-इ-दिल तुमसे कहने को मैं मिलने आती हूँ
जब हाल-इ-दिल तुमसे कहने कोमैं मिलने आती हूँपर देख तेरा दीवानापनमैं सोच में पड़ जाती हूँजब हाल-इ-दिल..
हमसे भी पूछ लो ✧ कभी हाल-ए-दिल हमारा ✧कभी हम भी कह सकें की ✧ दुआ है आपकी ✧’ 200
कभी हम भी कह सकें की ✧ दुआ है आपकी ✧’