तुम क्या जानो हाल हमारा,
एक तो शहर बंद ऊपर से ख़्याल तुम्हारा!
तुम क्या जानो उस दरिया पर क्या गुजरी,
तुमने तो बस पानी भरना छोड़ दिया!
चूम लूं तेरे होठों को ये दिल,
की ख्वाहिश है बात ये मेरी नही,
ये दिल की फरमाइश है !
जी तो चाहता है कि तुझे दिल में छुपा लूँ मैं,
मगर न कभी वक्त ने इजाजत दी ना तुमने !
मेरे दिल की धड़कनो को,
तूने दिल बर धड़कना सीखा दिया,
जब से मिली है मोहब्बत तेरी मेरे दिल को,
गम में भी हंसना सीखा दिया !