इक यही झिझक है हाल-ए-दिल सुनाने में,
ज़िक्र तेरा भी आएगा मेरे इस फसाने में!
छुपी होती है लफ्जों में बातें दिल की,
लोग शायरी समझ के बस मुस्कुरा देते हैं !