ये जो हालात है, एक दिन सुधर जाएंगे,पर कुछ लोग दिल से उतर जाएंगे।
तेरे दर पर आएंगे जब मुल्क की हालत बेहतर होगी,
करना मुआफ खुदाया हमको आज इबादत घर पर होगी!
मौजूदा हालात बता रहे हैं
खुदाई रूठी है ज़मीन से,
अगर हाथ ना उठे अब आसमान को
वो इंसान मर चुका है ज़मीर से!
वो पढ़ न सकें मेरी आँखों से बात मेरे,
अब क्या अखबार में छपवा दूँ हालात मेरे!
हालात ही ऐसे है कि आँसू छलक आते है,दे कर के लाखो गम, सभी दिल को दुखाते है,मैं आज तलक ना समझ पाया हु मेरे खुदा,मेरे किये अहसानों को सब क्यों भूल जाते है|