हमदर्दियाँ मुझे काटती हैं अब,
यूँ खामखाँ मिज़ाज ना पूछा करे कोई!
जब तक हम किसी के हमदर्द नहीं बनते..
तब तक दर्द हमसे और हम दर्द से जुदा नहीं होते..
बज़्म में हर कोई तेरा हमदर्द नज़र आता है,
फिर क्यों तेरी आँखों में दर्द नज़र आता है !!
हमदर्दी ना करो मुझसे ए मेरे हमदर्द दोस्तों,वो भी बड़ी हमदर्द थी जो दर्द हजारो दे गई !!
हमदर्दी ना करो मुझसे ए मेरे हमदर्द दोस्तों,
वो भी बड़ी हमदर्द थी जो दर्द हजारो दे गई !!