हमदर्दियाँ मुझे काटती हैं अब,
यूँ खामखाँ मिज़ाज ना पूछा करे कोई!
जब तक हम किसी के हमदर्द नहीं बनते..
तब तक दर्द हमसे और हम दर्द से जुदा नहीं होते..
बज़्म में हर कोई तेरा हमदर्द नज़र आता है,
फिर क्यों तेरी आँखों में दर्द नज़र आता है !!
तुम्हारे बाद मेरा कौन हमदर्द बनेगा !!
मैंने अपने भी खो दिए तुम्हे पाने की जिद मे !
बदलते 👿इंसानो की बात हमसे न पूछो,
हमने अपने 😢हमदर्द को, हमारा 😭दर्द बनते देखा है
जिंदगी की राहों में मुस्कराते रहो हमेशा,
क्योंकि उदास दिलों को हमदर्द तो मिलते हैं, हमसफ़र नहीं!