किसी से जुदा होना इतना आसान नहीं होता
दो ज़िस्म को रूह से जुदा करने फ़रिश्ते नहीं आते😓😓😓
दिसम्बर की सर्दी है उस के ही जैसी
ज़रा सा जो छू ले बदन काँपता है
सर्दी में दिन सर्द मिला
हर मौसम बेदर्द मिला
इस से पहले कि बे-वफ़ा हो जाएँ
क्यूँ न ऐ दोस्त हम जुदा हो जाएँ
फेर लेते हैं नज़र, दिल से भुला देते हैं,
क्या यूँ ही लोग वाफ़ाओं का सिला देते हैं,
वादा किया था फिर भी ना आए मज़ार पर,
हमने तो जान दी थी इसी ऐतबार पर!!