दिल से रोये मगर होंठो से मुस्कुरा बेठे,यूँ ही हम किसी से वफ़ा निभा बेठे,वो हमे एक लम्हा न दे पाए अपने प्यार का,और हम उनके लिये जिंदगी लुटा बेठे..
सच कहा था किसी ने अकेले जीना सीख लो मोहब्बत जितनी भी सच्ची हो साथ छोड़ ही जाती है|
चलो अब जाने भी दो क्या करोगे दास्ताँ सुनकर, ख़ामोशी तुम समझोगे नहीं और बयाँ हमसे होगा नहीं|
कहना बहुत कुछ है अल्फाज़ जरा से कम है खामोश सी तुम हो, गुमसुम से हम है|
कहाँ मिलता है कोई समझने वाला जो भी मिलता है समझा के चला जाता है|