अभी होश में आये भी नहीं और बाजियाँ पलट गयीं,होश संभालेंगे तो क्या गजब कर जायेंगे…
होश गवांकर लौटा हूँ मैख़ानों से,जब उभरा है अक्स तेरा पैमाने में!
उनसे बात करके जिस कदर दिल को चैन आता है,
इतना असर तो की दवा भी नही दिखा पाता है