और इधर हकीम ने दवा में तेरा दीदार लिखा है
उधर खुदा ने किस्मत में कहां प्यार लिखा है
मरीज-ए-इश्क को तेरा दीदार चाहिए
एक बार नहीं बार-बार चाहिए
आपके दीदार की तलब मुझे रोज खींच यहां लाती है
दिल धड़कता है जोर से जब सामने आप आती है
उनका भी कभी हम दीदार करते है,उनसे भी कभी हम प्यार करते है,क्या करे जो उनको हमारी जरुरत न थी,पर फिर भी हम उनका इंतज़ार करते है..!!