हमारी तो सिर्फ एक ही ख्वाहिश हैं,
हर जन्म मेरे हमसफर तुम ही बनों !!
राह भी तुम हो राहत भी तुम ही हो,
मेरे सुख और दुख को बांटने वाली हमसफर भी तुम ही हो.
फिरते हैं कब से दरबदर अब इस नगरअब उस नगर एक दूसरे के हमसफ़र मैंऔर मेरी आवारगी!
मंजिल मिलने से दोस्ती भुलाई नहीं जाती
हमसफ़र मिलने से दोस्ती
मिटाई नहीं जाती दूरियों से दोस्ती
छुपाई नहीं जाती।