ये दौलत भी ले लो.. ये शोहरत भी ले लो
भले छीन लो मुझसे मेरी जवानी...
मगर मुझको लौटा दो बचपन का सावन ....
बचपन की जवानी....
वो कागज़ की कश्ती वो बारिश का पानी..
ठंड इतनी है
कि मच्छर भी आकर बोलता है
भाई काटूंगा नहीं,
बस थोड़ी देर रजाई में रहने दो..!!
ठंड के मौसम में
रोज रजाई कहती है
अंदर तो आ गए,
बाहर कैसे जाओगे?
ना जाने क्यों तुझे देखने के
बाद भी,
तुझे ही देखने की चाहत रहती है..!!
Ladki: Yeh kya kar rahe hai?
Ladka:Dahi jama raha hu...
Ladki:Kab tak jamaoge?
Ladka:Ager tum mil jaoo...
Jamana chhod denge hum..!!