साहित्य प्रेमी दूल्हा- आज से ही तुम मेरी कविता हो, भावना हो, कामना हो|दुल्हन - मेरे लिए भी आज से तुम ही मेरे दिनेश हो, सुरेश हो, राकेश हो|
जिनको हम चुनते हैं…वो ही हमें धुनते हैं…चाहे बीवी हो या नेता…दोनो कहाँ सुनते हैं..
आज का सुविचार
भगवान जिसकी "मति" हर लेता है उसको "श्रीमति" दे देता है|
पत्नी: क्या Gift दू?
पति: Gift रहने दे! बस इज्ज़त किया कर और तमीज़ से बात कर लिया कर....पत्नी(5 मिनट सोचकर): नहीं!! मैं तो Gift ही दूंगी....