वादा कोई किया भी नहीं
क़सम कोई खाई भी नहीं,
ये भी नहीं के तुझे भूल गए
याद मगर तेरी आई भी नहीं!
तुम्हारी कसम मेरे
सनम अब हिम्मत नहीं हारेंगे,
मर जायेंगे मगर तेरे सिवा किसी
और को नहीं चाहेंगे !!
पीने की आदत थी मुझे, तो उसने
अपनी कसम देकर छुड़ा दी, शाम
को यारों के साथ बैठा, तो यारों ने
उसी की कसम दे कर पिला दी…
उनके सुर्ख लब और वफा की कसम,
हाय क्या कसम थी खुदा की कसम!
मत कर भरोसा
किसी पर भी ए जिंदगी,
यहाँ लोग अपने मतलब के लिए
झूठी कसम भी
खा लेते है !!