Khubsurat Chehro Ki Kashish To Laazmi Hai
Magar Khubsurat Dil Ke Begair Chahat Adhoori Hoti Hai
कशिश-ए-लखनऊ अरे तौबाफिर वही हम वही अमीनाबाद
हमे खुश करने केकोशिश की कशिश है..उलझन के इस मौसम मेंबेतहाशा चाहत होती है…
कशिश और बढ़ जाती है..!!चाहत कम नहीं होती..।बिछड़ के हमने देखा है.!मोहब्बत कम नहीं होती..!!