ख्वाब,
ख्वाहिश और लोग,
कम हो तो ही
बेहतर है !!
ख्वाहिश को
ख्वाहिश ही रहने दो,
जरुरत बन गयी तो नींद
नहीं आयेगी !!
एक अजीब रिश्ता है मेरे और ख्वाहिशों के दरमियां
वो मुझे जीने नहीं देती और में उन्हें मरने नहीं देता
खैरात की ख्वाहिश कभी ना थी हमे…
मोहब्बत की आरजू थी मोहब्बत के बदले!!
न ख्वाहिश न जुस्तजू बस आइना है रू-ब-रू,
तेरे वास्ते मैं कुछ नहीं, मेरे वास्ते बस तू ही तूू!