इंसान की किस्मत कितनी भी अच्छी,
क्यों ना हो, उसकी कुछ ख्वाहिशे,
अधुरी रह ही जाती है !
यह दिल बड़ी बेबस चीज है
देखा सबको है पर ढूंढता सिर्फ तुमको है…
हमारी इश्क की तरक्की हो जाएगी
जब हमारी शादी पक्की हो जाएगी.
मेरी बेपनाह मोहब्बत का नज़राना हो तुम,
मेरी चमकी हुई किस्मत का खज़ाना हो तुम।
खुद में ही उलझी हुई हैं जो मुझे क्या सुलझायेगीं,
भला हाथों की चंद लकीरें भी क्या किस्मत बताएगीं।
तुम मिले तो यूँ लगा हर दुआ कुबूल हो गयी,
काँच सी टूटी किस्मत मेरी हीरों का नूर हो गयी।