चाहत तुम्हें चाहने की नहीं है तुम्हें पाने की भी है.
हैरान हो जाएंगे देखकर दुनिया वाले मेरी बरक़त को,
कुछ इस कदर बदल देंगे हम अपनी किस्मत को।
तलब ऐसी है कि साँसों में बसा लूँ तुम्हें,
और किस्मत ऐसी है कि देखने को मोहताज हूँ तुम्हें।