लोग क्या कहेंगे
यह सोच कर जीवन जीते हैं
भगवान् क्या कहेंगे
क्या कभी इसका विचार किया ?
आप कब सही थे
इसे कोई याद नहीं
रखता
लेकिन आप कब
गलत थे
इसे सब याद रखते है
क्या बेचकर हम खरीदे
फुर्सत ऐ जिंदगी,
सब कुछ तो गिरवी पड़ा है
जिम्मेदारी के बाजार में..!!
शब्द तो दिल से निकलते है,दिमाग से तो मतलब निकलते है..
जहाँ प्रयत्नों की ऊंचाई अधिक होती है,वहां किस्मत को भी झुकना पड़ता है|
बड़ी हसरत से सर पटक पटक के गुजर गई,
कल शाम मेरे शहर से आंधी !!!!वो पेड़ आज भी मुस्कुरा रहे है, जिनमे हुनर था थोडा झुक जाने का !!!!