हर ओर सत्यम-शिवम-सुन्दरम,
हर हृदय में हर-हर हैं,
जड़ चेतन में अभिव्यक्त सतत
कंकर-कंकर में शंकर हैं.
ॐ में ही आस्था
ॐ में ही विश्वास
ॐ में ही शक्ति
ॐ में ही सारा संसार
ॐ में ही होती है
अच्छे दिन की शुरुआत।
ॐ नमः शिवाय
शिव सृजन है और विनाश भी,
शिव मंदिर है और शमशान भी,
शिव आदि है और अनंत भी।
ऊँ नमः शिवाय शब्द में सारा जग समाए,
हर इच्छा पूरी कर जाए, भोले बाबा वो कहलाए
ॐ नमः शिवाय !!
शिव की ज्योति से नूर मिलता है, सबके दिलों को सुरूर मिलता है;
जो भी जाता है भोले के द्वार, कुछ न कुछ ज़रूर मिलता है !
किस्मत लिखने वाले को भगवान कहते हैं,
और बदलने वाले को भोलेनाथ कहते हैं।