यूं ही हम दिल को साफ़ रखा करते थे, पता ही नहीं था की कीमत चेहरों की होती है!
कैसे बदल दूं मैं फितरत ये अपनी,मुझे तुम्हें सोचते रहने की आदत सी हो गई है..!!
ख़ूबसूरती ना चेहरे में होती है ना लिबास में, निगाहे जिसे चाहे उसे हसीन कर दे|
सुनना चाहते है एक बार आवाज़ आपकी मगर बात करने का बहाना नहीं आता!!!
जरूरते भी जरुरी है, जीने के लिये लेकिन,तुझसे जरूरी तो, जिंदगी भी नहीं'...
वो रो रो कर कहती रही मुझे नफरत है तुमसे, मगर एक सवाल आज भी परेशान किये हुए है, की अगर नफरत ही थी तो वो इतना रोई क्यों …