याद आयेगी हर रोज, मगर तुझे आवाज़ न दूंगा,
लिखूंगा तेरे लिये हर गजल, मगर तेरा नाम न लूंगा।
इश्क न हुआ कोहरा हो जैसे...तुम्हारे सिवा कुछ दिखता ही नहीं...