"रो देती है हर बार जब आँगन से जुदा होती है,बेटियांँ एक बार नहीं कई बार विदा होती है।।"
पता नहीं कितना अंधकार था मुझमें,मैं सारी उम्र चमकने की कोशिश में बीत गया ।
"एक बटन के फासले पे ज़िंदगी थी,किसी से पहले पर दबाया ना गया lमिट जाते सारे दिलों के फासले 'जाना',इश्क़ में अहं को भुलाया ना गया l"
बहुत शोर है आज हवाओं में,पीछे ना जाने, नुकसान कितना है,उड़ा जाता मन द्वन्द तो लगता,संभालना खुद को आसान कितना है l
बहुत बाकी रह जाना,तुम्हें खोजते-खोजते,एक दिन खुद को पा लूँगा l"
दुनिया ने भले हमें जुदा कहा,हमने दिल से कभी ना उन्हें,अलविदा कहा l"