जितना दिखाता हूँ,
उससे जादा याद करता हूँ,
जितना बताता हूँ,
उससे जादा प्यार करता हूँ l
बेवज़ह की बातों में उलझ जाता हूं,वक़्त की रेत पर फिसल जाता हूं lमुझे मेरी खबर कहाँ रहती है अब,क्योंकि मैं अब उसके दिल में रहता हूं l
झज्जे का प्यार,फिर नज़र आने लगा है lशाम ढलते सारा मोह्हला,छत पर नज़र आने लगा है l
"तुम में खो के मैं,खुद को पाता हूँ,यही एक सच है,मैं सब से छुपाता हूँ l"