मिलो तो बताये हाले दिल आपसे ,खुद से ही बातें कर वक़्त गुजारते है lकई बार जाग-जाग नींद से ,तेरा नाम पुकारते है l
हूँ भीड़ में ,पर भीड़ का हिस्सा ना हो पाया lज़हन में थी तुम,कोई दूसरा किस्सा ना हो पाया l
कल बुरा था,तो कल भी हो..जरुरी तो नहीं,दो रातों के बीच तो,हमेशा उजाला होता है l
"मोह्हबत में पाने की उम्मीद क्यों है, जाना,है ख्वाब ही अब जीने का सहारा माना,नींद मिल भी जाये तो क्या होगा,एक वो है जो मेरे अंदर सोता नहीं, जाना l"
"मुश्किलों में जो साथ रहा है,बस वही खुदा का बंदा है l"