रात भी नींद भी
कहानी भी
हाए क्या चीज़ है
जवानी भी
मुद्दत हुई इक शख़्स ने दिल तोड़ दिया था
इस वास्ते अपनों से मोहब्बत नहीं करते
हम उसे याद बहुत आएँगे
जब उसे भी कोई ठुकराएगा
ये क्या कि सब से बयाँ दिल की हालतें करनी
'फ़राज़' तुझ को न आईं मोहब्बतें करनी