मैंने कई बार की प्रार्थनापर ईश्वर सेमाँगा नहीं कभी कुछमुझे लगता हैवो जानता है...हमारे लिए क्या सही हैऔर क्या ग़लत..
हमारी ही तमन्ना क्यों करो तुम,तुम्हारी ही तमन्ना क्यों करे हम lनहीं परवाह दुनिया को हमारी,दुनिया की परवाह क्यों करें हम l
वो गले से लिपट के सोते हैं
आज-कल गर्मियाँ हैं जाड़ों में
देखो रात फिर आ गयी
गुड नाईट कहने की बात फिर आ गयी
हम बैठे थे सितारों की पनाह में
चाँद को देखा तो आपकी याद आ गयी
Good Night Dear
क्या कहूँ तुम से मैं कि क्या है इश्क़
जान का रोग है बला है इश्क़
हर पल तू महफूज रहे
कभी मुश्किलों से ना हो तेरा सामना
ज़िन्दगी तेरी खुशहाल रहे
बस खुदा से है ये इल्तिजा
I love you. Good Morning