जब खामोश आँखों से बात होती है,तो ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,तेरे ही ख्यालों में खोये रहते हैं,न जाने कब दिन और कब रात होती है…
जब खामोश आँखों से बात होती है,
तो ऐसे ही मोहब्बत की शुरुआत होती है,
तेरे ही ख्यालों में खोये रहते हैं,
न जाने कब दिन और कब रात होती है…
फूलों पर जैसे पड़ती बारिश की बौछार है
चमकने को जैसे फूल भी तैयार है
उसी तरह मेरा दिल भी बेकरार है
तु ही बता में क्यु ना कहु की तुझसे कितना प्यार है
ये उदास शाम और तेरी ज़ालिम याद,
खुदा खैर करे अभी तो रात बाकि है.
इरादा तो हरगिज न था तुमसे मोहब्बत का,
सच कहे तो तुम्हे देखते ही मोहब्बत हो गयी।