एक मकाम ज़िन्दगी मैं ऐसा भी आता है
क्या भूलना है बस यही याद रह जाता है
कविता के कई मतलब हो सकते हैपर कविता कभी मतलबी नहीं हो सकती !!
एक तरफ ढल रहा दिन,एक तरफ अंधेरा आ रहा है,बस याद है कि अब,ना आ रहा है, ना जा रहा है l
तुम्हारे साथ ही हर ग़म से सुकून पाते है,कभी तुम ही मेरे लिए ग़म बन जाते हो lउम्मीदगी की राहो से ही,रौशन है रिश्ते,जिंदा हूँ तो हँसता-रोता सब नज़र आने दो l
"थक सी गई है नज़र, इंतजार में उसके,अब दिखे वो तो आँखों का रविवार हो l"