खुशामद गजब है जरा सा रूठ जाने पे,
कैसे संभालोगे खुद को दिल के टूट जाने पे!
"कोई गीत ऐसे नहीं रुला जाता है,संग बीते पलो को याद दिला जाता है,नाचने लगती है, दो बोलती आँखें,कभी तेरे नाम से पलक गीला हो जाता है l"
"तुम्हारे हर झूठ को मैं सच मान बैठा हूँ,पता नहीं, मैं किस कदर प्यार कर बैठा हूँ l"
"तुम रहो दूर मुझे, ये बर्दास्त मुझे,पर जहाँ रहो बस, सलामत रहो lतुम्हारे आँखों में ना रहूँ, मंजूर मुझे,मेरी मोह्हबत की, अमानत रहो l"
मेरे आंसुओं में तू ही छुपी रहती हैं,
रोज आंखों से तू ही तो बरसती हैं,
किसी गुलाब की बेटी है तू शायद,
इसलिए मुरझाकर भी महकती हैं.
दिल मुझे उस गली में ले जा कर
और भी ख़ाक में मिला लाया