ये अलग बात है दिखाई न दे,मगर शामिल ज़रूर होता है,खुदकुशी करने वाले का भी,कोई न कोई कातिल जरूर होता है
ये अलग बात है दिखाई न दे,
मगर शामिल ज़रूर होता है,
खुदकुशी करने वाले का भी,
कोई न कोई कातिल जरूर होता है
मैं दर्द का दरिया हूँ ,तुम सुकून का समन्दर हो जाना lडूबा लेना मुझको खुद में,मेरे लिए इश्क का कलन्दर हो जाना l
अब शामे खत्म तुमसे,अब सुबह शुरू तुमसे ,बचे निशा के कुछ पल,उसमे नींद भी तुमसे,सोयी आँखों के सपने भी तुमसे l
औऱ फ़िर बिछड़ कर ये तो होना ही था ।अब समन्दर जितनी प्यास लिए फ़िरते हैं दोनों ।।
"आओ की, अब ये दिल चैन तो पा जाये,भटका राही कोई, मंजिल को पा जाये,ठहरा रास्ते में, ये दिल कई जगह,तेरी आँखों के यादों से, कभी ये निकल नहीं पायें l"
बात कुछ भी हो, ये दिल उन्हें दूर मानता ही नहीं,कस्तूरी थी मृग के अंदर, पर वो जानता ही नहीं l