अपना एक ख्वाब पूरा करने के लिए
वो बहुतों के ख्वाब तोड़ देते है,
बड़ी कम्बख्त होती हैं वो औलादे,
जो महबूब के लिए माँ-बाप को छोड़ देते है।
अजीब फितरत है इंसान की जब माँ-बाप के पास थे,तो अपने ही ख्यालों में रहते थे,अब माँ-बाप से दूर हैं,तो वो ही ख्यालों में रहते हैं।
टुकड़ों में बिखरा हुआ किसी का
जिगर दिखाएँगे, कभी आना भूखे सोए
बच्चों के माँ बाप से मिलाएँगे।
मत करना नज़र अंदाज़ माँ-बाप की तकलीफों को,
जब ये बिछड़ जाते है तो,
रेशम के तकिये पर भी नींद नहीं आती।
सपने तो मेरे थे पर उनको पूरा करने का रास्ता
कोई और दिखाए जा रहा था और वो थे मेरे पापा….