आपने मजबूर कर दिया,
जाने क्यों खुद से दूर कर दिया,
अब भी यही सवाल है दिल में,
हमने क्या ऐसा कसूर कर दिया ।
“आप दिल से यूँ पुकारा ना करो !
हमको यूँ प्यार से इशारा ना करो,
हम दूर हैं आपसे ये मजबूरी है हमारी,
आप तन्हाइयों मे यूँ रुलाया ना करो !
किसी की मजबूरी कोई समझता नहीं !
दिल टूटे तो दर्द होता है, मगर कोई कहता नहीं !
तेरी ख़ामोशी अगर तेरी मजबूरी है,तो रहने दो इश्क़ भी कौन सा जरूरी है.
किसी की मजबूरी का मजाक ना बनाओ यारों,जिन्दगी कभी मौका देती है तो कभी धोखा भी देती है.
किसी की मजबूरी कोई समझता नहीं,दिल टूटे तो दर्द होता है मगर कोई कहता नहीं.