जितनी हिरनी की दूरी है ख़ुद अपनी कस्तूरी से,
उतनी ही दूरी देखी है इच्छा की मजबूरी से,
किसी की अच्छाई काइतना भी फायदा मत उठाओ,
कि वो बुरा बनने के लियेमजबूर बन जाये.
खामोशी समझदारी भी है और मजबूरी भी...
कहीं नज़दीकियां बढ़ाती है और कहीं दूरी भी...!!
कोई मजबूरी होगी जो वफा कर ना सके..
मेरे मेहबूब को ना शामिल करो बेवफाओ में..!!
वो करीब तो बहुत है, मगर कुछ दूरी के साथ,
हम दोनों जी तो रहे है मगर मजबूरी के साथ.
अपना बनाकर फिर कुछ दिनों में बेगाना बना दिया,भर गया दिल हमसे और मजबूरी का बहाना बना दिया.