महफूज है
तेरे प्यार के
नगमे इस दिल में,
जब मन करे तब दरवाजा
खटखटा देना !!
इस तरह हम सुकून को महफूज़ कर लेते हैं,
जब भी तन्हा होते हैं तुम्हें महसूस कर लेते हैं!
महफूज
रखो इश्क अपना,
कहीं दुनिया वाले तुम्हें
जुदा ना कर दे !!
कहते हैं दिल से ज्यादा महफूज जगह नहीं दुनिया में और कोई........
फिर भी ना जाने क्यों सबसे ज्यादा यहीं से लोग लापता होते हैं...!!!!
कितना महफूज़ था गुलाब काँटों की गोद में,
लोगों की मोहब्बत में पत्ता-पत्ता बिखर गया!
महफ़ूज़ था बिसात पे तब तक ही बादशाह,
जब तक कि उसके सारे पियादों में जान थी!