पूछ उन परिंदों से जिनके घर नहीं होते।
Pata Nahi Hosh Me Hu Ya Behosh HuMai Par Bahut Soch Samajhkar Khaamosh Hu Mai.
Pata Nahi Hosh Me Hu Ya Behosh Hu
Mai Par Bahut Soch Samajhkar Khaamosh Hu Mai.
समय रहते तुम होश में कैफ़ियत तलब करते तो अच्छा होताअलविदा कहने से पहले ख़ैरियत सोचते तो अच्छा होता.
समय रहते तुम होश में कैफ़ियत तलब करते तो अच्छा होता
अलविदा कहने से पहले ख़ैरियत सोचते तो अच्छा होता.
आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक
कौन जीता है तिरी ज़ुल्फ़ के सर होते तक
मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का
उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले