इश्क है या इबादत अब कुछ समझ नहीं आता,
एक खूबसूरत ख्याल हो तुम जो दिल से नहीं जाता !
मोहब्बत का तो पता नहीं पर,
जो तुमसे है वो किसी और से नहीं !
दर्द है दिल में पर इसका एहसास नहीं होता,
रोता है दिल जब वो पास नहीं होता।
बर्बाद हो गए हम उसके प्यार में,
और वो कहते हैं इस तरह प्यार नहीं होता।
बिछड़कर फिर मिलेंगे यकीन कितना था,
बेशक ये ख्वाब था मगर हसीन कितना था।
अगर हमने तुम्हे न देखा होता तो,
शायद ये राज़ ही रह जाता,
कि मोहब्बत कैसी होती है।
मेरा हक नहीं है तुझे पर मैं जानता हूं,
फिर भी ना जाने क्यों दुआ मैं,
तुझको दुआओं में मांगता हूं!!