दुनिया को देख कर कभी कभी समझ नहीं आता की,
इंसानियत पैसे से बढ़कर है या पैसा इंसानियत से?
जब जेब में रूपये हो तो, दुनिया आपको औकात देखती हैं,
और जब जेब में रूपये न हो तो, दुनिया अपनी औकात दिखाती हैं।
पैसा से मन की शांति नहीं खरीद सकते,
यह उठी रिश्तों को ठीक नहीं कर सकता है,
या एक जीवन के निर्माण में इसका कोई ख़ास महत्व हो, ऐसा भी नहीं है।
“पैसे की कमी सभी समस्याओं का कारण है।”
“धन अच्छा सेवक है, परन्तु ख़राब स्वामी भी है।”
पैसा वही भाषा बोलता हैं जो पूरी दुनिया समझती है।”