माता-पिता हमें शहजादे की तरह पालते हैं…
अतः हमारा फर्ज है कि…
बुढ़ापे में हम भी उन्हें बादशाहो की तरह रखें “
“जिनके होने से मैं खुद को मुकम्मल मानता हूँ
मेरे भगवान से ज्यादा..
मैं बस अपने माँ-बाप को जानता हूँ “
“माता-पिता ऐसे होते हैं…
जिनके होने का एहसास…
कभी नहीं होता,, लेकिन
ना होने का एहसास बहुत होता है “
मेरी दुनिया में इतनी जो शौहरत हैं,
मेरी माता पिता की बदौलत हैं।
माँ बाप का जीवन में कुछ ऐसे होते हे
जिनके होने का एहसास बहुत कम बार होता है,
मगर उनके ना होने का एहसास बार बार होता है
मेरे पिता का एहसास सूरज की
भांति हैं, जो गर्म जरुर होता हैं
लेकिन अगर ना हो तो
अँधेरा छा जाता हैं